21-09-2011, 08:33 AM | #31 |
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Re: हिन्*दी शायरी
तुम्*हारी दोस्*ती अब जरूरत सी लगती है” |
21-09-2011, 08:33 AM | #32 |
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Re: हिन्*दी शायरी
हमारे दिल में छडकन आपकी सुनाई देती है आखों में सूरत उनकी दिखाई देती है
चलते तो हम है लेकिन जब मुडते है तो पंरछाई आपकी दखिई देती है” |
21-09-2011, 08:33 AM | #33 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“ ना छुपाना कोई बात दिल में हो अगर
रखना थोडा भरोसा तुम हम पर हम निभायेगें दोस्*ती का रिश्*ता इस कदर कि भूलाने पर भी ना भूला पायेगें हमें जिन्*दीभर” |
21-09-2011, 08:34 AM | #34 |
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Re: हिन्*दी शायरी
दोस्*ती दिल है दिमाक नहीं दोस्*ती सोच है आवाज नहीं
कोई आखों से नहीं देख सकता दोस्*ती के जज्*बे क्*योंकि दोस्*ती अहसास है अन्*दाज नहीं” |
21-09-2011, 08:34 AM | #35 |
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Re: हिन्*दी शायरी
तुझे ही आना मुकद्रदर बनाते है हम खुदा से पहले तेरे आगे सर झुकाते है हम
दोस्*ती का रिश्*ता कभी तोड ना देना जिस रिश्*ते के दम पर मुस्*कुराहते है हम” |
21-09-2011, 08:34 AM | #36 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“खुशी आपके लिये गम मेरे लिय
जिन्*दगी आपके लिये मौन मेरे लिय मुस्*कुराना आपके लिये आंसू मेरे लिये सब कुछ आपके लिए और आप सिर्फ मेरे लिये” |
21-09-2011, 08:34 AM | #37 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“तेरी दोस्*ती में इक नशा है
तभी तो ये सारी दुनिया हमसे खफा है ना करों हमसे इतनी दोस्*ती कि दिल ही हमसे पूछे तेरी घडकन कहॅ हैं” |
21-09-2011, 08:34 AM | #38 |
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Re: हिन्*दी शायरी
हर कभी तुझसे खुश्*बू उधार मांगे आफता तुमसे नूर उधार मांगे
रब करके तु दोस्*ती ऐसी निभाये कि लोग मुझसे तेरी दोस्*ती उधार मांगे” |
21-09-2011, 08:35 AM | #39 |
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Re: हिन्*दी शायरी
भूलाना तुम्*हे ना आसान होगा जो भूले तुम्*हे वो नादान होगा
आप तो बसते हो रूह में हमारी बाप हमें ना भूले ये आपका अहसास होगा” |
21-09-2011, 08:35 AM | #40 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“अक्*सर जब हम आपकों याद करते है
अपने रब से यही फरियाद करते है अम्र हमारी भी लग जाये आपकों क्*योंकि हम आपकों खुद से ज्*यादा प्*यार करते है” |
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