27-06-2013, 06:30 PM | #1 |
Diligent Member
|
जबसे तेरा ये प्यार पाया है
.......... जबसे तेरा ये प्यार पाया है दिल ने असली करार पाया है जाने कैसा सूरूर छाया है जबसे तेरा दीदार पाया है जिन्दगी जैसे खिल गई मेरी जबसे बाहोँ का हार पाया है जब भी रहता वो दूर नज़रोँ से मैनै खुद को बीमार पाया है पहला कहते हैँ प्यार हम जिसको बोलो कोई बिसार पाया है जो था सपना वो आजकल देखो मैने वो बार बार पाया है दिल मेँ जबसे "आकाश" रहता वो मैँने ग़म भी हजार पाया है ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी |
27-06-2013, 08:09 PM | #2 | |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: जबसे तेरा ये प्यार पाया है
Quote:
बहुत सुन्दर, आकाश जी. एक अच्छी ग़ज़ल फोरम पर प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद और बधाई. |
|
28-06-2013, 02:58 PM | #3 |
VIP Member
|
Re: जबसे तेरा ये प्यार पाया है
बहुत ही बढ़िया प्रस्तुती
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
28-06-2013, 08:02 PM | #4 |
Administrator
|
Re: जबसे तेरा ये प्यार पाया है
अति सुन्दर प्रस्तुति. धन्यवाद आकाश जी।
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
28-06-2013, 10:46 PM | #5 |
Member
Join Date: Apr 2013
Location: Bihar , India.
Posts: 73
Rep Power: 15 |
Re: जबसे तेरा ये प्यार पाया है
बहुत खूब !
|
06-04-2014, 03:38 PM | #6 |
Diligent Member
|
Re: जबसे तेरा ये प्यार पाया है
ग़ज़ल (संपादित)
.......... जबसे तेरा ये प्यार पाया है दिल ने असली करार पाया है जाने कैसा सूरूर है छाया जबसे तेरा दीदार पाया है जिन्दगी जैसे खिल गई मेरी जबसे बाहोँ का हार पाया है जब भी रहता वो दूर नज़रोँ से मैनै खुद को बीमार पाया है पहला कहते हैँ प्यार हम जिसको बोलो कोई बिसार पाया है जो था सपना वो आजकल देखो मैने वो बार बार पाया है दिल मेँ जबसे "आकाश" रहता वो मैँने ग़म भी हजार पाया है ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी[/quote] |
22-04-2014, 02:46 PM | #7 |
Special Member
Join Date: Mar 2014
Location: heart of rajasthan
Posts: 4,118
Rep Power: 44 |
Re: जबसे तेरा ये प्यार पाया है
जबसे तेरा ये प्यार पाया है
दिल ने असली करार पाया है धन्यवाद,आपने बहूत अच्छी रचना पेश की और आपका प्यार हम और फ़ोरम के सभी सदस्यों मिले |
02-05-2020, 06:26 PM | #8 |
Diligent Member
|
Re: जबसे तेरा ये प्यार पाया है
आंशिक संपादन के बाद पुनः
ग़ज़ल .......... जबसे तेरा ये प्यार पाया है दिल ने चैनों करार पाया है जाने कैसा सूरूर है छाया जबसे तेरा दीदार पाया है जिन्दगी जैसे खिल गई मेरी जबसे बाहों का हार पाया है जब भी रहता वो दूर नज़रों से मैंने खुद को बीमार पाया है पहला कहते हैं प्यार हम जिसको बोलो कोई बिसार पाया है जो था सपना वो आजकल देखो मैंने वो बार बार पाया है दिल में जबसे "आकाश" रहता वो मैंने ग़म भी हजार पाया है ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी |
Bookmarks |
|
|