15-01-2023, 11:05 AM | #1 |
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आशिक़ी
■■■■■ सब लुटाकर क्यों दुखी तू यार है मुफ़्त में मिलता नहीं ये प्यार है जो तुझे कंगाल भी ना कर सके आशिक़ी ऐ दोस्त वह बेकार है मुक्तक- आकाश महेशपुरी दिनांक- 14/01/2023 ■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 15-01-2023 at 12:27 PM. |
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