23-01-2011, 03:40 PM | #2811 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
लेक्चरर: यह क्यों उठ कर चला गया? लड़के के दोस्त: सर इसको नींद में चलने की आदत है!
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
23-01-2011, 04:16 PM | #2812 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
डाक्टर: मुझे अफ़सोस है कि हमे आपका आपरेशन दुबारा करना पड़ेगा क्योंकि मेरे दस्ताने आपके पेट में रह गए है!
मरीज़: डाक्टर साहब इतनी सी बात के लिये मेरा दुबारा आपरेशन मत करें, आप मुझसे दस्तानो के पैसे ले लो!
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23-01-2011, 04:17 PM | #2813 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
थानेदार: तुम कैसे कह सकते हो कि तुम्हारी पत्नी मर चुकी है?
पति: मैंने अपनी पत्नी को थप्पड़ मारा बदले में उसने मुझे बेलन नहीं मारा!
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23-01-2011, 04:17 PM | #2814 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
पप्पू क्लास में एक गधा ले कर आया!
टीचर: इसको क्यों लाये हो? पप्पू: आपने ही तो कहा था कि आपने कई गधों को इंसान बनाया है! अब बनाओ!
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23-01-2011, 04:19 PM | #2815 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
बंता: माँ, मैं के.बी.सी. से बोल रहा हूँ! मेरे पिताजी का नाम क्या है?
माँ: सवाल कितने का है? बंता: एक हज़ार रूपये का! माँ: क्विट कर दे हजार रूपये के लिये घर में तलवारें निकल आएँगी!
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23-01-2011, 04:19 PM | #2816 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
बंता: माँ, मैं के.बी.सी. से बोल रहा हूँ! मेरे पिताजी का नाम क्या है?
माँ: सवाल कितने का है? बंता: एक हज़ार रूपये का! माँ: क्विट कर दे हजार रूपये के लिये घर में तलवारें निकल आएँगी!
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23-01-2011, 04:21 PM | #2817 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
1985 में गेस्ट घर आते ही पूछते है क्या हाल है? पापा कैसे हैं? बच्चे कैसे हैं?
2011 में गेस्ट्स घर आते ही ,`पतली पिन वाला चार्जर है?`
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23-01-2011, 04:22 PM | #2818 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
एक बार एक पागल बिना जली बीड़ी पी रहा था!
दूसरा पागल: यार बीड़ी से कोई धुंआ नहीं निकल रहा? पहला पागल: कर दी न पागलों वाली बात ये `सी.एन.जी.` बीड़ी है!
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23-01-2011, 04:23 PM | #2819 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
पिता: नालायक पढ़ ले कभी तुने अपनी कोई बुक खोल के देखी है?
बेटा: हाँ मैं रोज़ खोलता हूँ एक बुक! पिता: कौन सी? बेटा: फेसबुक!
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23-01-2011, 04:24 PM | #2820 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
हवलदार: सर कल रात कैदियों ने जेल में रामलीला की थी!
जेलर: तो इसमें परेशान होने की क्या बात है? हवलदार: सर हनुमान बना कैदी अभी तक संजीवनी लेकर वापिस नहीं आया!
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