12-09-2013, 06:39 PM | #1 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99 |
कहानी : खुशी का अपराध - अनिल कान्त
बन्धुओं, लेखक अनिल कान्त जी की एक अन्य कथा निशिगंधा (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=10164) मंच में पहले से ही मौजूद है। प्रस्तुत कहानी 'खुशी का अपराध' लेखन की पिछली कहानी से विपरीत तथ्यों से भरी हुयी है। आशा है आप सभी को पसंद आयेगी। धन्यवाद।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
Bookmarks |
|
|