- ग़ज़ल- तुझे ग़म को छुपाना चाहिए था
- गीत- ...नील गाय खा जाती है
- मुक्तक- महकते हैं यहाँ हर पल...
- ग़ज़ल- जो अपने सामने...
- ग़ज़ल- ऐसी दीवार है दरमियाँ आजकल
- कोरोना वायरस (तीन कुण्डलिया छंद)
- ग़ज़ल- पर्यावरण
- ग़ज़ल- यार मेरा कमाल करता है
- ईश्वर और अस्पताल
- दोहे- ऐसी बिपदा आ गयी...
- इससे हिंदुस्तान लड़ेगा...
- ग़ज़ल- इश्क में यार को...
- कविता- खुली हुई है मधुशाला
- ग़ज़ल- अश्क़ बहते रहे रातभर...
- ग़ज़ल- ये दुख हुआ है जानकर
- ग़ज़ल- पैरों में छाले हैं
- है दुख में जनता...{मत्तगयंद सवैया छंद}
- भोजपुरी ग़ज़ल- उनके नैनन के...
- ग़ज़ल- इस तरह दिल...
- कुण्डलिया- सुबह सुबह की नींद
- भोजपुरी ग़ज़ल- बनि के आपन...
- गीत- एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो
- Tum jab samne hote ho - Shikha
- मत्तगयंद (मालती) सवैया छंद
- ई भारत देश महान हवे... भोजपुरी गीत
- कितने गड्ढे आजकल...(कुण्डलिया छंद)
- इंसान रो रहा (छंदमुक्त कविता)
- नाजुक हैं हालात (छंदमुक्त कविता)
- इनसे दोस्ती करो (छंदमुक्त कविता)
- ग़ज़ल- मज़दूर
- ग़ज़ल- चालाकियाँ इंसान की
- ग़ज़ल- बस मुझको नहीं बुलाया कर
- ग़ज़ल (ख़ता मेरी अगर जो हो)
- नया मोबायल
- भोजपुरी ग़ज़ल- ऊ बा कहाँ दिलदार
- ग़ज़ल- वे मुझे रात भर याद आते रहे
- ग़ज़ल- दिल न बहला तो शायरी कर ली
- मुक्तक- खूब की है पढ़ाई...
- धैर्य न खोना {मत्तगयंद सवैया छंद}
- भोजपुरी गीत- कहिया ले सुनी सरकार
- ग़ज़ल- कभी रोटी कभी कपड़े...
- ग़ज़ल- मत बाँधों ग़म को तुम मन के खूँटे से
- ग़ज़ल- मैं शादीशुदा हूँ...
- कोरोना ने रोक दी दुनिया की रफ्तार
- ग़ज़ल- रोज़ बीवी लड़े पड़ोसन से
- नूतन वर्ष (मत्तगयंद सवैया छंद)
- शादी कोई खेल नहीं है
- भोजपुरी कविता- चुनाव नियराइल
- ग़ज़ल- इरादे नहीं नेक उसकी नज़र के
- ग़ज़ल- कठिन रास्तों की चढ़ाई...
- आलस का सरदार (कुण्डलिया छंद)
- ग़ज़ल- मुहब्बत की कहानी
- किसान
- मुक्तक- नहीं रहते मगर फिर भी...
- भौंह लगे जस...(मत्तगयंद सवैया)
- भोजपुरी मुक्तक- होली
- ई हउवे मिलन तेवहार
- ग़ज़ल- कभी रुलाती है ज़ख्म देकर.....
- ग़ज़ल- आये थे वीराने से...
- महँगा है पेट्रौल
- खेतवे में कटे दुपहरिया (चइता)
- लतखिंचुअन के पँजरी... (गीत)
- कोरोना (मुक्तक)
- कइसन रोग कोरोना बा...
- तू मनुष्य एक दिन बड़ा पछतायेगा
- ग़ज़ल- कितना है हत्यारा सिस्टम
- ग़ज़ल- कहाँ जाएगी ये जनता...
- इंसानों से हारे गिद्ध
- ग़ज़ल- दर्द देकर मुझे जुदाई का
- ग़ज़ल- चले गए हैं वे जिंदगी से
- मुक्तक- ये दिन हो मुबारक
- गीत- भुला तो न दोगे
- हे ईश्वर! तू कहीं अगर है...
- दिल टूटेला छने छन कई बेर हो (भोजपुरी गीत)
- भेद-भाव एतना बा...भोजपुरी घनाक्षरी
- लिट्टी-चोखा (दो मुक्तक)
- मुहब्बत बा जरूरी (भोजपुरी ग़ज़ल)
- दर्द दिल का...(मुक्तक)
- तेरी महफ़िल में...(मुक्तक)
- दू गो देश भक्ति मुक्तक
- भोजपुरी ग़ज़ल- बेकार बाटे सादगी
- ग़ज़ल- जीवन यह दुश्वार बहुत है
- मउगी ओकर (हास्य कविता)
- चाहत में हम...(मत्तगयंद सवैया छंद)
- कौन रहा है दुनिया में (गीत)
- मुझे हुस्न का तुम...
- गीत- बलमू तऽ भइलें जुवारी
- मुक्तक- गलत है
- दउरिहे भकोसना (भोजपुरी गीत)
- तबो समधी के जीव ललचाई रे (गीत)
- दहि गइल घरिया
- ग़ज़ल- यादें पुरानी दे गया
- तुम्हें जब याद करता हूँ
- भोजपुरी ग़ज़ल- मुस्कुरा के चलीं
- ग़ज़ल- मुश्किल में हैं हल सोचेंगे
- नहीं नहीं जी कभी नहीं (कविता)
- जबसे तू गइलू नइहरवा (चइता)
- जिंदगी खेत से (भोजपुरी गीत)
- सपना बुझाला जहान (भोजपुरी गीत)
- जबले जान रही ये जान (युगल गीत)
- मन चीखा, चीख के रह गया
- जबसे प्यार हो जाला (भोजपुरी गीत)
- कविवर तुलसीदास
- खो गयी है विद्वता
- भोजपुरी ग़ज़ल- बंदगी हम का करीं
- ई आलम... भोजपुरी मुक्तक
- जाल हऽ दुनिया
- ओ बेवफा के प्यार में
- वे ही मंजिल पाते
- रोआ के न जइहऽ
- काँटों भरा गुलाब तो...
- भले हमसफर ऊ...भोजपुरी गीत
- बरबादी के साल हवे ई
- असहिं का वृद्ध लो के होई दुरगतिया
- सुति उठी सबके पिया दे सं पानी
- पिया पी के रहे पगलाइल (गीत)
- ग़ज़ल- दिलों के बीच में...
- ख़ुशियों का त्योहार मुबारक
- ग़ज़ल- देखकर वे मुझे...
- महक माटी के बोली के...
- छठ के ई त्योहार (कुण्डलिया छंद)
- किसी और से दिल लगाने लगे हैं
- ग़ज़ल- भावना के कद्र नइखे
- ग़ज़ल- बड़े संगदिल हो...
- मुक्तक- कहाँ लोग सुनेला
- ग़ज़ल- यूँ याद करोगे तो...
- ग़ज़ल- ये सियासत...
- खर्च का बोझ (घनाक्षरी)
- सीढ़ी हमें अब चाहिए
- ख़ुशी मिल गयी
- राह जरा बच के चलना (मत्तगयंद सवैया)
- दुख होला झगरा कइला से
- जाल इसे कहते सब हैं (सवैया)
- ई कइसन मिलन बा (बिदाई गीत)
- टूट कर की पढ़ाई...
- अख़बार (मुक्तक)
- नेताओं की करो गुलामी...
- सबसे बड़ा सवाल मुँहवे ताकत रहे
- न भूलेंगे हम...
- मित्रों है मतदान का... (षष्टपदी)
- ग़ज़ल- वो मुहब्बत है कहाँ
- yudhdh kyun hote hain
- बुढ़ापा आ गइल बाकिर...
- ग़ज़ल- प्यार का यूँ न दे सिला कोई
- ये शिक्षामित्र है भाई कि इसमें जान थोड़ी है
- आदमी आदमी के रोआ दे
- जाने कैसा दिन लेकर यह आया है परिवर्तन
- न कोई जगत से कलाकार जाता
- अँधेरा बन के बैठा है
- ग़ज़ल- समुंदर बेंच देता है
- ग़ज़ल- नहीं रुकती है महँगाई
- भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा बदे सरकार से अê
- ग़ज़ल- क्यूँ दर्पन टूट जाता है
- मुक्तक- फ़िकर कोई न होती थी
- मुक्तक- जैसे कभी न मेघ बने...
- ग़ज़ल- बाप का पैसा उड़ाओ इश्क़ में
- कहाँ मिली गाँव के बयार
- बेटवो तऽ बसेला दूर देश में
- जल
- लागता धान आई ना घरे
- प्यार करना बुरा नहीं लेकिन...
- असहिं का वृद्ध लो के होई दुरगतिया
- सबके नींद चुरावे मच्छर
- स्वागत बा श्री मान
- तिरंगा
- कौन सा है धर्म हाय...
- कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
- हुनर भरपूर है लेकिन...
- संविदा की नौकरी का दर्द
- कहीं चिरइन के कलरव बा...
- पेटू का अपमान...(हास्य मुक्तक)
- जाल ज्यादा बढ़ाना नहीं चाहिए
- याद में दिल जलाने से क्या फायदा
- दमदार गाँधी थे
- मोबाइल का आशिक़
- ना दुनिया जीये दी
- गाँव भइल आखाड़ा
- भूत प्रेत ना कुछऊ होला...
- झूठी झड़ी वादों की...
- खून चूसते नेता जी
- कलम मत बेच देना तुम
- तिरंगे की प्रतिष्ठा में...
- दिन आये हैं मास्क के...
- इश्क़ में सैंडिल
- ठंड में ऐसे नहाना चाहिए
- व्याह का यह जश्न...
- क्या यही नववर्ष की शुरुआत है
- फटी सी जीन्स...
- गुदगुदाना चाहता हूँ
- वह पढ़ाई साथियों बेकार है
- आशिक़ी
- तू दूर जायेगा
- जब सिस्टम ही चोर हो गया
- तिरंगे को नमन सौ बार करता हूँ
- हवा हवाई हो जाओगे
- गली अनजान हो लेकिन...(ग़ज़ल)
- जरूरत बन जा वरना...
- बिजली रानी से मैंने प्यार किया
- ग़ज़ल- अपने दामन को दागदार किया
- जो मिश्री घोलकर हर आदमी से बात करता है...
- जो बेटी गर्भ में सोई...
- तू इतनी खूबसूरत है
- तेरी तस्वीर का जब भी...
- मउगी चला देले चप्पल उठा के (भोजपुरी)
- सुनबऽ त भाई हो ठोकबऽ कपार
- स्वाद बेलन के
- शादी होला तहिये से...
- नशा अइसन मुहब्बत के
- सिसकते वक़्त की...
- ड्रीम इलेवन
- ग़ज़ल- चुनावी मौसमों में...
- दो हजार के नोट
- तिलक-विआह के तेलउँस खाना
- सराफत का पुजारी हूँ (मुक्तक)
- ये दुनिया है
- वो हो गया है खास...
- अकेले में नहीं केवल...
- महज़ वादा नहीं करते
- फितरत है इंसान की
- पढ़ाना छोड़ दोगे क्या
- घर की जिम्मेदारी
- विश्वास कैसे मर गया
- अराजक हो गए हैं लोग
- इश्क़ तेरा
- नज़र का फ्लू
- कहाँ गइलू पँखिया पसार ये चिरई
- हम कवियों की पूँजी
- लंपी घातक रोग
- सर-ए-बाजार पीते हो
- ग़ज़ल- है हुस्न का सौदागर
- मासूक मुहब्बत में...
- चमचे भी हम तुम्हारे फटेहाल हो गए
- मुंगेरीलाल के सपने
- हुस्न उनका न कभी...
- दिल को किसी के रंग में...
- पनौती
- खेल जगत का सूर्य
- संजू की जयकार
- प्यार के बदले यहाँ प्यार कहाँ मिलता है
- संगिनी भी साथ रहे
- राम का राज्य पुनः देश में लाने के लिए
- लहसुन
- नेता पल्टूराम
- छलने लगे हैं लोग
- पाँच बार का विधायक (छन्दमुक्त कविता)
- बहुत दागी यहाँ पर हैं
- किसी भी बात की चिंता...(मुक्तक)
- झाड़ू अउरी बेलन
- अज़ीज़-ए-दिल को भी खोना नसीब है मेरा
- करते नेता ढोंग