08-10-2012, 04:04 AM | #1 |
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रूप और रुबाइयां
दोस्तो, जैसा कि यह शीर्षक ज़ाहिर कर रहा है, इस सूत्र में मैं अनेक सुंदरियों की अनेकानेक आकर्षक भंगिमाएं प्रस्तुत करूंगा और हर चित्र के साथ उसकी भंगिमा से तालमेल बिठाती एक रुबाई भी होगी ! यह स्पष्ट किए देता हूं कि रुबाई उर्दू शायरी की एक ऎसी छंद-बद्ध काव्य विधा है, जिसमें शायर सिर्फ चार पंक्तियों में अपने भावों की अभिव्यक्ति करता है ! मशहूर शायर मरहूम फ़िराक गोरखपुरी साहब इस विधा में गज़ब की महारत रखते थे ! इस सूत्र में (उनसे क्षमा याचना के साथ) ज्यादातर उन्हीं के सृजन का उपयोग होगा ! आइए, शुरू करते हैं यह रूप-यात्रा !
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
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