04-12-2010, 08:38 AM | #1 |
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!! गीत सुधियोँ के !!
भाव के सूखे से
पल्लवोँ को , सुधि की सुधा से सरसा लिया मैँने । राग अतीत मे खो गए जो , उन रागोँ को राग से गा लिया मैँने । स्वप्न असत्य के भासित सत्य से , सत्य को भी - झुठला लिया मैँने । कैसे कहूँ तुम्हेँ पाया नही बिना पाए हुए तुम्हे पा लिया मैँने ।
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