17-07-2012, 12:18 AM | #1 |
Diligent Member
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अच्छा सा लगने लगा है उनका ख्याल मुझे
खो न जाऊं यादों में उनकी ए दिल जरा संभाल मुझे दिखने लगा है उनका ही चेहरा अब रात दिन , न आये चैन जरा इक पल भी उनके बिन ख्यालों से जरा उनके बाहर तो निकाल मुझे ! मुझको दीवाना ना बनादे कहीं सादगी उनकी होश ना उड़ा दे कहीं ये बानगी उनकी सपनो में आक़र भी वो रातों को कर देते है बेहाल मुझे ! हसरत ए दीदार अगर यु बढती ही जाएगी खुमारी सी दिल में जो चढ़ती ही जाएगी इक दिन ये दीवानगी कर देगी कंगाल मुझे ! ना ले इन्तिहाँ मेरा की मेरा सपनों का कतल हो जाये तेरे इन्तजार में सुखा हुआ खेत ,मेरे दिल की फ़सल हो जाये कहीं इन्तजार करते करते '' नामदेव्'' इरादा बदल हो जाये ! sombirnaamdev@gmail.com 9321083377 Last edited by sombirnaamdev; 19-07-2012 at 11:44 PM. |
17-07-2012, 08:13 AM | #2 |
Administrator
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Re: अच्छा सा लगाने लगा है उनका ख्याल मुझे ,
बहुत अच्छे सोमवीर जी.
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अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
17-07-2012, 10:48 PM | #3 |
Super Moderator
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Re: अच्छा सा लगाने लगा है उनका ख्याल मुझे ,
मित्र ! आप बुरा न मानें, मैं अपनी एक ऎसी सलाह पुनः दोहरा रहा हूं, जो मैंने संभवतः आपको फोरम ज्वाइन करते ही दी थी, वह यह कि कृपया आप पोस्ट करने से पहले एक बार अपनी टंकित प्रति को फिर पढ़ लिया करें ! आप श्रेष्ठ कवि हैं, आपके विचारों में एक अद्भुत गाम्भीर्य है, आपके शब्द चयन में पूर्ण परिपक्वता नज़र आती है और आप विम्ब का प्रयोग अनायास इस तरह करते हैं कि कविता सामने घटित होती लगती है ... किन्तु मात्राओं की छोटी सी त्रुटि सारा गुड़ गोबर कर देती है !
इसी रचना की बात करें - अच्छा सा लगाने लगा है उनका ख्याल मुझे , खो न जाऊं यादों में उनकी ए दिल जरा संभाल मुझे मेरे विचार से होना चाहिए - अच्छा सा लगने लगा है ..., किन्तु आपकी पोस्ट उसे 'लगाने' कह रही है .. ऎसी कमियां पाठक को सृजन से दूर करती हैं ! अगर आप एक नज़र टाइप की गई सामग्री पर पुनः डाल लेंगे, तो आपकी भावनाएं उचित रूप में पाठक तक पहुंचेंगी ! इसमें आपको कोई कठिनाई लगती है, तो मेरी सेवाएं हाज़िर हैं ! आप पोस्ट करने से पहले अपनी रचना मुझे पीएम से भेज दें, मैं उसकी व्याकरणीय गलतियां सुधार कर आपको पुनः प्रेषित कर दूंगा ! आपको मेरा प्रस्ताव यदि अनुचित लगा हो, तो कृपया मुझे क्षमा करें !
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
18-07-2012, 03:29 PM | #4 |
Special Member
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Re: अच्छा सा लगाने लगा है उनका ख्याल मुझे ,
कविता निश्चय ही श्रेष्ठ है
बस अलैक भाई की बातों पर ध्यान दें धन्यवाद
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
19-07-2012, 11:45 PM | #5 |
Diligent Member
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Re: अच्छा सा लगाने लगा है उनका ख्याल मुझे ,
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19-07-2012, 11:59 PM | #6 | |
Diligent Member
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Re: अच्छा सा लगाने लगा है उनका ख्याल मुझे ,
Quote:
आगे से ध्यान रखूँगा मैं जो कुछ भी लिख रहा हूँ आप जैसे महानुभाव के मार्ग दर्शन से लिख प् रहा हूँ ! मुझे लेखन का कोई ज्यादा अनुभव भी नही है सही कहूँ तो मैंने इसी फोरम से लिखना शुरु किया है मुझे इस फोरम से आपका ,डॉ राकेश जी का , अभी जी और हैबेर जी जैसे दिग्गजों पूरा पूरा सहयोग मिला है ! और उम्मीद करूँगा की आगे भी ये कृपा मुझ पर बनी रहेगी . रही बात गलती की उसके लिए क्षमा का प्रार्थी हूँ ,उम्मीद करता हूँ की आगे भी इसी तरह से सहयोग मिलता ही रहेगा ! |
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20-07-2012, 12:07 AM | #7 | |
Diligent Member
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Re: अच्छा सा लगाने लगा है उनका ख्याल मुझे ,
Quote:
और हमेशा बेहतर लिखने के लिए प्रेरित किया है ! मैं पूरी कोशिश करूँगा की आगे से ये अशुद्धियाँ ना आने पाएं |
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