29-05-2013, 07:21 AM | #121 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: मीडिया स्कैन
अधिकतर तानाशाह या सैन्य शासक सत्ता छोड़ने की इच्छा नहीं जताते। क्या बर्मा के शासक इसके अपवाद बनेंगे? वाशिंगटन दौरे पर आए बर्मा (म्यांमार) के राष्ट्रपति थेन सेन से हर कोई यही सवाल पूछना चाहेगा। बीते सोमवार को थेन सेन व्हाइट हाउस पहुंचे। यह 1966 के बाद बर्मा के किसी राष्ट्रपति की पहली व्हाइट हाउस यात्रा है। इससे पहले 1966 में व्हाइट हाउस में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति लेंडन बी जॉनसन ने बर्मा के शासनाध्यक्ष का स्वागत किया था। लगभग आधी सदी में यह दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्र एकांतप्रिय जनरलों के कुशासन और दमनकारी नीतियों के चलते बदहाल हो गया। लेकिन दो वर्षो से सेनाध्यक्ष व मौजूदा राष्ट्रपति थेन सेन सुधार कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने अपने शासन में राजनीतिक बंदियों को आजाद किया है, सेंसरशिप कानूनों में ढील दी है और विदेशी निवेश के लिए दरवाजे खोले। -द वाशिंगटन पोस्ट अमेरिका का प्रमुख अखबार
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
05-06-2013, 12:46 AM | #122 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: मीडिया स्कैन
उम्मीद पूरी नहीं हुई
नेपाल अपना छठा गणतंत्र दिवस मना चुका। नेताओं ने भरोसा दिलाया था कि 240 साल पुरानी राजशाही ध्वस्त होते ही सब ठीक हो जाएगा। वे मानते थे कि देश की जर्जर दशा के लिए राजशाही जिम्मेदार है। इसी वजह से नेपाल अपनी विशिष्टता गंवा रहा है। इसलिए जनादेश के इंतजार के बिना उन्होंने देश में गणतंत्र की स्थापना कर दी। जो राजनीतिक पार्टियां इस जल्दबाजी में शामिल नहीं हुईं उन्हें मुख्यधारा से अलग कर दिया गया। राजनेता यह बताते नहीं थकते कि गणतांत्रिक नेपाल ऐतिहासिक उपलब्धि है। यकीनन क्या ऐसा ह? इस तरह के सवाल अब उठने लगे हैं। इस परिवर्तन से आम लोगों की जिंदगी में क्या गुणात्मक अंतर आया? क्या नेपाली लोगों की स्थिति पहले से बेहतर हुई है? सच यह है कि जो प्रशासन व्यवस्था इन्हें मिल रही है उससे वे और निराश हैं। कानून-व्यवस्था का स्तर आज भी उस मुकाम पर नहीं पहुंचा है जिसकी उम्मीद जताई गई थी। - द हिमालयन टाइम्स नेपाल का प्रमुख अखबार
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
14-06-2013, 10:05 AM | #123 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: मीडिया स्कैन
फिर से घिर आए बादल
साल के वे दिन फिर लौट आए जब बादलों से आसमान आच्छादित होता है। लगता है कि बादल जवानों की तरह काठमांडू की हरी.भरी वादियों के समक्ष प्रस्तुत हो आए हैं। फिर पूरी घाटी घनघोर घटा की आगोश में आ जाती है और यह विहंगम छटा देखकर महसूस होता है मानो मशहूर फ्रांसीसी चित्रकार मॉनेट ने कूची चलाई हो। कहीं-कहीं तो यह आभास होता है कि नीले रंग के समंदर में डैब मछली हो। कुछ पल के लिए दिखी और फिर गोता लगाकर गायब हो गई। मौसम की तरह ही बादल भी मनमौजी होते हैं। कभी गरजते हैं तो कभी सूरज के साथ लुका.छिपी का खेल खेलते हैं। लेकिन आखिर में क्या होता है? यही न कि बरखा-बहार आती है। पहले बूंदाबांदी शुरू होती है जो कुछ देर में मूसलाधार बरसने लगती है। वाहनों की आवाजाही थम जाती है। मकानों के छज्जे तले अजनबी रुकते हैं और टिप टिप बरसते पानी के ताल सुनते हैं। -द काठमांडू पोस्ट नेपाल का प्रमुख अखबार
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
18-06-2013, 11:43 AM | #124 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: मीडिया स्कैन
सट्टेबाजी के प्रभाव पर गौर
किसी मैच के नतीजों को साजिशन अपने खराब प्रदर्शन से प्रभावित करना और इससे जुड़ा प्रलोभन सभी खेलों में है और हर दौर में रहा है। चाहे भारत हो या यूरोप या फिर अमेरिका, सट्टेबाजों के हित खिलाड़ियों को भ्रष्ट आचरण या धोखेबाजी के लिए उकसाते हैं। इससे किसी भी खेल आयोजन का महत्वपूर्ण व बुनियादी मूल्य नष्ट होता है। लोग अनुमान लगाते हैं कि यह निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा है जिसमें उस दिन के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी या टीम की जीत होगी लेकिन क्या ऐसा होता है? कुछ जानकार सलाह दे रहे हैं कि भारत में सट्टेबाजी को कानूनी वैधता मिल जाए तो मैच फिक्सिंग रुक जाएगी। कुछ कह रहे हैं कि खेल संघों और सट्टा तंत्र पर सरकारी नियंत्रण से खेल में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगेगा। लेकिन आवश्यक यह है कि दुनिया में सट्टेबाजी के प्रभावों और इसके विरोध में खड़े नैतिक पहलुओं पर गहरा अध्ययन हो क्योंकि यहीं से मैच फिक्सिंग के विरुद्ध मार्ग खुलेगा। - द क्रिश्चियन साइंस मोनीटर अमेरिका का प्रमुख अखबार
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
20-07-2013, 11:05 PM | #125 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: मीडिया स्कैन
बलजीत सिंह की व्यस्तता खत्म
वह भी एक समय था, जब बलजीत सिंह की गिनती सबसे अधिक व्यस्त कर्मचारियों में होती थी। वह दिल्ली में कश्मीरी गेट स्थित टेलीग्राम दफ्तर में काम करते हैं। यह दफ्तर दो मंजिला भवन में है जो राजाओं के दौर में बना था। ऊंची छतें और चौड़ी सीढ़ियां इमारत की खासियत हैं। खैर,बलजीत सिंह की उम्र 58 साल हो चली है। एक वक्त ऐसा भी था जब चौड़े कंधे वाले बलजीत की दफ्तर में मांग बहुत थी। दरअसल दफ्तर का टेलीग्राम डेस्क उन्हीं की देखरेख में था। वह बताते हैं तब काम का जबर्दस्त दबाव होता था। इसके चलते कई बार मुझे रात भी वहीं बितानी पड़ती थी। इस जिम्मेदारी को बलजीत ने बखूबी निभाया। करोड़ों तार उन्होंने भेजे। लेकिन एक तार उन्हें आज भी अक्षरश: याद हैं। वह बताते हैं कि वह तार एक नवविवाहित महिला की मौत की खबर से जुड़ा था। अब समय बदल चुका है। भारत में तार युग खत्म हो चुका है और संदेश भेजने के कई नए माध्यम आ चुके हैं। - द गार्जियन लंदन का प्रमुख अखबार
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
26-07-2013, 08:32 AM | #126 |
VIP Member
|
Re: मीडिया स्कैन
bahut badiyaa
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
06-08-2013, 12:41 AM | #127 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: मीडिया स्कैन
रुक सकता था विवाद
किसी विवाद को रोका नहीं जा सकता मगर खत्म तो किया जा सकता है। पाकिस्तान के नए सदर के चुनाव का मसला गहरे विवाद में इसलिए फंस गया था क्योंकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने बदली तारीख में हुए इंतिखाब में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। बेवजह के इस झगड़े में असली दोषी कौन है यह बताना बेहद मुश्किल है। क्या पीएमएल(एन) ने लड़ाई नहीं लड़ी ताकि इलेक्शन कमीशन द्वारा तय तारीख बदली जा सके? दरअसल पार्टी की यह कवायद जबर्दस्त जीत हासिल करने के लिए थी। वह कम सीटों के अंतर से नहीं जीतना चाहती थी। पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने इंतिखाबी तारीख छह अगस्त की बजाय 30 जुलाई कर दी लेकिन अदालत के पास इख्तियार था कि वह सभी पक्षों का खयाल कर आईन का हवाला देकर कहती कि इलेक्शन कमीशन को इंतिखाब की तारीख तय करने का हक है। पीएमएल और अदालत दोनों ने सावधानी नहीं बरती। - द डान पाकिस्तान का प्रमुख अखबार
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
06-08-2013, 12:42 AM | #128 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: मीडिया स्कैन
कड़ी मेहनत करनी होगी
पोलियो एक अति संक्रामक बीमारी है जो तंत्रिका तंत्र प्रभावित करती है। इससे रोगियों में लकवा हो जाता है। पांच साल तक के बच्चे इसके प्रभाव में जल्दी आते हैं। पोलियो के विरुद्ध संघर्ष में टीकाकरण असरकारी व महत्वपूर्ण हथियार है। बतौर टीका मुंह में दो बूंद दवा डालने का व्यापक असर पड़ा है। लेकिन सोमालिया के पांच लाख बच्चों को कई वर्षों से टीका नहीं लगाया गया। ये बच्चे असुरक्षित इसलिए हैं कि सोमालिया सरकार कमजोर है तभी इस क्षेत्र में पोलियो का प्रकोप बढ़ने की आशंका है। मौजूदा स्थिति यह भी बताती है कि कैसे सशस्त्र संघर्ष आबादी को न सिर्फ बुलेट बल्कि बीमारियों से भी डराते हैं। पाकिस्तान के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में पोलियो के मामले आज भी हैं क्योंकि आतंकियों के डर से पोलियो टीकाकरण कार्यकर्ता भाग खड़े होते हैं। सौभाग्य से सोमालिया में यह स्थिति नहीं है। पर साफ है दुनिया को इस संकट से निपटने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से काम लेना होगा। -द वाशिंगटन पोस्ट अमेरिका का प्रमुख अखबार
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
06-08-2013, 12:44 AM | #129 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: मीडिया स्कैन
तरक्की से कोसों दूर
बावजूद इसके कि मुल्क के कई हलकों में तरक्की की निशानियां दिखी हैं, गरीबी खौफनाक स्तर पर बरकरार है। जब वर्ल्ड बैंक ने अपने दस्तावेज में बताया कि करीब 2.8 करोड़ बांग्लादेशी बेहद मुश्किल हालात में, मसलन खनन इलाकों, रेतीले, दुर्गम पहाड़ी व तटीय इलाकों जी रहे हैं, तब हकीकत खुद बयां हो जाती है। यह चिंता का सबब है क्योंकि रिपोर्ट में इन इलाकों को हार्ड टु रिच एरियाज की श्रेणी में रखा गया है। चिंता दो-आयामी है। पहली हमें वर्ल्ड बैंक के उस दस्तावेज को बारीकी से देखना होगा ताकि उन बदतर जगहों की पहचान हो सके जहां लोग दुश्वारियों के साथ जी रहे हैं। दूसरी हम इस बात से हैरत में हैं कि इन गुजरे बरसों में जब तरक्की पसंद इकोनॉमी का डंका पीटा जा रहा था, इन लोगों की फरियादें अनसुनी रहीं। आखिर क्यों? बहरहाल, यह आंकड़ा अफसोसनाक है क्योंकि 2.8 करोड़ बाशिंदे उस दुनिया को बनाते हैं, जो तरक्की व मॉडर्न खयालों से कोसों दूर है। -द डेली स्टार बांग्लादेश का प्रमुख अखबार
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
16-09-2013, 07:15 AM | #130 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: मीडिया स्कैन
जनता ने दे दिया इस बार जवाब
कम्युनिस्ट पार्टियां आम तौर पर बंद का ऐलान करती हैं तो बाकायदा उन पर सख्ती से अमल भी करती हैं। इन पार्टियों द्वारा भारी संख्या में कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतार दिया जाता है और बंद की अनदेखी कर सड़कों पर निकली गाड़ियों में तोड़फोड़ की जाती है तथा लोगों को डराया जाता है कि उनकी भलाई घर के भीतर रहने में ही है। इसलिए काठमांडू, ललितपुर, भक्तपुर और चितवां बंद का जो आह्वान यूसीपीएन (माओवादी) ने किया था उसका विफल हो जाना चौंकाने वाली बात है। इसे एक बदलाव के रूप में देखा जाना चाहिए। और यह परिवर्तन कितना अनूठा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मई 2010 में जब इसी पार्टी ने बंद का आह्वान किया था, पूरे एक सप्ताह तक जिंदगी ठप हो गई थी। इस बदलाव के पीछे कारक दिखाई पड़ते हैं कि अब जनता इनकी मांगों से तंग आ चुकी है और अब वह इन्हें खुली चुनौती देने के मूड में आ गई है। - द काठमांडू पोस्ट नेपाल का प्रमुख अखबार
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
Bookmarks |
|
|