18-09-2013, 12:33 AM | #1 |
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सोचता हूँ तेरी आशिक़ी छोड़ दूं.!!
तेरी गलिया तेरा चौबारा छोड़ दूं.!! जो हो नहीं सकता मुमक़िन कभी.! मैं वो खूबसूरत खवाब छोड़ दूं.!! चाहत सिवा बहुत है जीने वास्ते.! क्यूँ ना कोई नेक काम कर लूँ.!! सूखे पेड़ों पर बहार आती ऩहीँ.! सो क्यूँ ना तेरी ज़ुस्तज़ु छोड़ दूँ.!! मैखाने जाकर भी भूल पाया ऩहीँ.! सोचता हूँ क्यूँ ना पीना छोड़ दूँ.!! Sochta hun teri Aashiqi chod duN.! Teri galiya tera choubara chod duN.!! Jo ho nahin sakta mumqin kabhi.! Main wo khubsurat khawab chod duN.!! Chahat siwa bahut kuch jine waste.! Kyun na koyi nek kaam kar luN.!! Sookhe pedoN par bahaar aati nahiN.! So kyun na teri zustzoo chod duN.!! Maikhane jakar bhi bhul paya nahiN.! Sochata hun kyun na pina chod duN.!!
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Advo.Ravinder Ravi "Sagar" |
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