16-02-2011, 10:44 PM | #10081 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
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अच्छा वक्ता बनना है तो अच्छे श्रोता बनो, अच्छा लेखक बनना है तो अच्छे पाठक बनो, अच्छा गुरू बनना है तो अच्छे शिष्य बनो, अच्छा राजा बनना है तो अच्छा नागरिक बनो |
16-02-2011, 10:44 PM | #10082 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
सही कहा आपने जलवा जी प्याज काट के
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
16-02-2011, 10:45 PM | #10083 | |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
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16-02-2011, 10:46 PM | #10084 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
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16-02-2011, 10:46 PM | #10085 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
[QUOTE=pankaj bedrdi;50700][QUOTE=bhoomi ji;50693]अब "दिल तो बच्चा है जी"
"थोडा कच्चा है जी " नादान है
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16-02-2011, 10:46 PM | #10086 | |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
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क्या बात कही है आपने दिल खुस कर दिया
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Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..." click me
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16-02-2011, 10:48 PM | #10087 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
16-02-2011, 10:49 PM | #10089 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
फोरम पे ५००० के लिए अभी २७० पोस्ट चाहिए
लेकिन चौपाल पर १००० के लिए केवल १३ पेज अगर चौपाल चलती रहे तो तो पहले चौपाल के १००० पोस्ट होंगे
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16-02-2011, 10:49 PM | #10090 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
भूमि जी, एक दफा फिर से क्षमा चाहूँगा..लेकिन कहना पड़ रहा है. जब आप नै नै इस फोरम और चौपाल पर आइन तो मैंने दो बार (आज से पहले) आपको चौपाल में नमस्कार किया. लेकिन मेरी बदकिस्मती से आपका ध्यान नहीं गया. वो तो आज मेरी खुशकिस्मती थी जो आपका ध्यान हमारी और गया. (आप चाहें तो पिछले प्रष्टों पर जा कर देख सकती हैं.) जहां तक मेरे ऑनलाइन रहने का सवाल है तो वो मैं नहीं होता. मेरे यूजर आई डी का इस्तेमाल करके हमारे घर के बच्चे दिन भर कभी भी इस फोरम पर गेम्स खेलते रहते हैं. और सभी को यह आभास होता है की मैं ऑनलाइन हूँ.
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