28-12-2015, 11:51 PM | #11 |
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Re: आपकी बेटी, निर्भया
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03-01-2016, 06:13 PM | #12 |
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Re: आपकी बेटी, निर्भया
बहुत ही सुन्दर कविता! ऐसी हृदयस्पर्शी कविता हेतु बहुत बहुत धन्यवाद आपको।
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08-01-2016, 10:39 PM | #13 |
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Re: आपकी बेटी, निर्भया
बहुत दुखद बात ये है की इस दर्द का एहसास कानून बनाने वालों को नहीं., और दरिंदो के पक्ष में जब न्यायलय अपना फैसला सुनाते हैं तब न्यायव्यवस्था पर से विश्वास उठ जाता है .जिसने पाप न किया गुनाह न किया उसने सजा पा ली., और जिसने घोर पाप , गुनाह किया वो बरी हो गया . परिवार और जनता के दुखी मन की बातें एक तरफ रह गए और गुनाह करने वाला आज आजाद घूम रहा है ...
दिल को छू लेने वाली कविता भाई .. धन्यवाद... काश कोई न्यायधीश दुखते दिल की इस रचना को पढ़े और समझे और निर्भया को न्याय मिल जाय ... |
09-01-2016, 03:41 PM | #14 | |
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Re: आपकी बेटी, निर्भया
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12-01-2016, 06:13 PM | #15 | |
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Re: आपकी बेटी, निर्भया
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30-01-2016, 04:41 PM | #16 |
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Re: आपकी बेटी, निर्भया
निर्भया जैसी घटनाओं को देखकर यही लगता है की ऐसे राक्षस हमारे समाज में कैसे पैदा हो जाते हैं।
खुद के पुरुष होने पर शर्म महसूस होने लगती है इस रचना के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। |
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आपकी बेटी, निर्भय, निर्भया, apki beti nirbhaya, dec 16 2012, nirbhaya |
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