29-09-2018, 07:41 AM | #1 |
Diligent Member
|
शुभ अशुभ का भय
☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆ वे हमें समझा बुझाकर लूट लेते हैं शुभ अशुभ का भय दिखाकर लूट लेते हैं यह दिशा शुभ, यह दिशा बरबाद कर देगी इस दिवस को यह दिशा आबाद कर देगी जाल भ्रम का ये बिछाकर लूट लेते हैं- शुभ अशुभ का भय दिखाकर लूट लेते हैं यह जगह अच्छी नहीं है घर बनाने को यह भवन तैयार तुमको काट खाने को आजकल क्या क्या बताकर लूट लेते हैं- शुभ अशुभ का भय दिखाकर लूट लेते हैं काट ले बिल्ली डगर तो अपशकुन होगा छींक आ जाए अगर तो अपशकुन होगा व्यर्थ बातों में फँसाकर लूट लेते हैं- शुभ अशुभ का भय दिखाकर लूट लेते हैं लग्न के जो बिन यहाँ कुछ भी करोगे तुम पाप की गठरी लिए कैसे तरोगे तुम झूठ का परदा चढ़ाकर लूट लेते हैं- शुभ अशुभ का भय दिखाकर लूट लेते हैं गीत- आकाश महेशपुरी ■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) पिन- 274304 मो- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 02-10-2018 at 03:23 PM. |
29-09-2018, 10:06 PM | #2 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: शुभ अशुभ का भय
एक अजब विषय का ग़ज़ब काव्यात्मक प्रतिपादन. बहुत सुन्दर. धन्यवाद, आकाश जी.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
29-09-2018, 10:56 PM | #3 |
Diligent Member
|
Re: शुभ अशुभ का भय
|
Bookmarks |
|
|