01-05-2019, 06:17 PM | #1 |
Diligent Member
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तीन मुक्तक
●●●●●●●●●●●●●●●● 1- वो मुझसे ऊब जायेगा ☆☆☆ मुझे ऐसा क्यूँ लगता है वो मुझसे ऊब जायेगा मुकम्मल शायरी में जब मेरा दिल डूब जायेगा जिसे मैं ढालता रहता हूँ गीतों और ग़ज़लों में मुझे तन्हा बनाकर के वही महबूब जायेगा 2- दुनिया तो पराई है ☆☆☆ न तेरी है न मेरी है ये दुनिया तो पराई है यूँ ही कहता नहीं हूँ मैं सभी को आजमाई है किसी लालच में रिश्ते ढो रहे हैं लोग ये सारे बिता कर उम्र केवल एक मुट्ठी राख पाई है 3- तुझे मैं पा नहीं सकता ☆☆☆ मुहब्बत तो बहुत है पर तुझे मैं पा नहीं सकता तड़प दिल की ऐ जानेमन कभी दिखला नहीं सकता तुझे मंजिल मिले वो जो भी तुमने सोच रक्खा है तुझे मैं प्यार की दलदल जमीं पर ला नहीं सकता रचना- आकाश महेशपुरी ●●●●●●●●●●●●●●●● वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 02-05-2019 at 07:49 PM. |
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