03-04-2019, 04:02 PM | #1 |
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ग़ज़ल- कोई शिकवा नहीं ज़माने से
●●●●●●●●●●●●● यार उसने मुझे सताया है मैंने दिल में जिसे बिठाया है उसका हँसना सुकून देता क्यूँ रोज जिसने मुझे रुलाया है दूर जायेगा मेरी नज़रों से वह जो इतने करीब आया है कोई शिकवा नहीं ज़माने से चोट खाता हूँ चोट खाया है याद जिसकी रुला रही है मुझे कैसे 'आकाश' वो पराया है ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी ●●●●●●●●●●●●● वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मोबाईल- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 03-04-2019 at 06:15 PM. |
25-04-2019, 10:52 AM | #2 |
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Re: ग़ज़ल- कोई शिकवा नहीं ज़माने से
[quote=आकाश महेशपुरी;564704]ग़ज़ल- कोई शिकवा नहीं ज़माने से
●●●●●●●●●●●●● यार उसने मुझे सताया है मैंने दिल में जिसे बिठाया है उसका हँसना सुकून देता क्यूँ रोज जिसने मुझे रुलाया है दूर जायेगा मेरी नज़रों से वह जो इतने करीब आया है कोई शिकवा नहीं ज़माने से चोट खाता हूँ चोट खाया है याद जिसकी रुला रही है मुझे कैसे 'आकाश' वो पराया है ●●●●●●●●●●●●● एक खुबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई व शुक्रिया.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
30-05-2019, 04:32 AM | #3 | |
Diligent Member
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Re: ग़ज़ल- कोई शिकवा नहीं ज़माने से
[QUOTE=rajnish manga;564729]
Quote:
अत्यंत आभार, आदरणीय!! |
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