27-01-2020, 10:30 AM | #1 |
Diligent Member
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ग़ज़ल- चुराकर दिल मेरा...
■■■■■■■■■■■■■■■■ चुराकर दिल मेरा तुम आज मुझसे दूर जाते हो मुहब्बत में बताओ क्यों किये मजबूर जाते हो तेरे सजदे में मेरा सर झुका रहता है लेकिन तुम भला किस बात पे इतना हुए मग़रूर जाते हो तुम्हारे बाद मैंने और का चेहरा नहीं देखा कि तुम तो बेवफाई में हुए मशहूर जाते हो सुना है इश्क में धोखा मिला करता है अक्सर ही निभाते ऐ सनम तुम भी वही दस्तूर जाते हो कभी "आकाश" आये थे खुशी का दौर लेकर तुम मगर क्यूँ जिंदगी का ही लिये अब नूर जाते हो ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी दिनांक- २३/०१/२०२० ■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) पिन- 274304 मो. 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 27-01-2020 at 11:55 AM. |
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