02-12-2021, 07:01 PM | #1 |
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राह जरा बच के चलना (मत्तगयंद सवैया)
■■■■■■■■■■■■■■■■■ स्वार्थ भरा मन साथ लिये बस ऊपर से उपकार करेंगे, है जिनके मन द्वेष भरा वह लोग भला कब प्यार करेंगे, लाभ दिखे जिस ठाँव सदा छल, ढोंग वहीं हर बार करेंगे, राह जरा बच के चलना वह फूल दिखाकर वार करेंगे। सवैया- आकाश महेशपुरी दिनांक- 01/12/2021 ■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरनाथ जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो- 9919080399 |
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