08-12-2010, 07:55 PM | #11 |
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Re: !@!जय भोजपुरी!@!
प्रेम कय दीप हमरे दिलवा म जलाइल बाटे॥ सगरे अंजोर होइगा खिल गिले फूल॥ देहिया से खुशबू आवे उड़ गैली धूल॥ प्यार के पिरितिया से मन महकैल बाटे॥ गम गम गमके ला हमरा बगीचा॥ बहुत दिना बाद हमरा दिलवा पसीझा॥ हँसी आज होठवा पय बर्षो बाद आइल बाटे.. |
08-12-2010, 07:56 PM | #12 |
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Re: !@!जय भोजपुरी!@!
रउवा मनवा म हमारे अब आस जागे॥
ई उभरत जवानियाँ म प्यास लागे॥ मन भेल चंचल॥ चिता चकोरा॥ चालत डगारिया मारी रोडा॥ अब दुपट्टा कय पल्लू उधर भागे॥ ई उभरत जवानियाँ म प्यास लागे॥ आँख से अवगुड़ लाग देखायी॥ देख भवरवा मन मुस्कायी॥ बगल वाले लरिकन ओसारे से ताके॥ ई उभरत जवानियाँ म प्यास लागे॥ करत पढायी आवत औघायी॥ मन बौराय गइल भांग बूटी खा के॥ ई उभरत जवानियाँ म प्यास लागे॥ |
08-12-2010, 07:56 PM | #13 |
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Re: !@!जय भोजपुरी!@!
माई जब बुद्हाय गयी॥
नाकन चना चबवाय दिही॥ गाय भैस बिकवाय दिही॥ खेतन म दाँत गदाय दिही॥ जब देखा लरिकन का डाटे॥ जैसे कटही कुकुर अस लागे॥ हमरेव डंडा लगवान दिही॥ पेड म बन्धवाय दिही॥ एक बगल के काकी आयी॥ दुल्हिन का धमकाय दिही॥ तू दुत्कारत बातू बूढा का॥ इहे उमर तोह्रिव होए॥ फ़िर गाँव गाँव कहत फिरबू॥ हमरव पतोह डंडा चट्काइश॥ तब कहे दुल्हनिया नन्कौना कय॥ बूढा हमरे पगलाय गयी॥ इही खातिर समझाईस तोहका॥ आगे कय कुछ बनाय लिया॥ बूढा का संग मिलाय लिया॥ उनहू कय गोद दबाय दिया॥ खुली आँख जब बुहार कय॥ बूढा का संग मिलाय लिही॥ नाकन चना चबवाय दिही॥ माई जब बुद्हाय गयी॥ नाकन चना चबवाय दिही॥ |
08-12-2010, 07:58 PM | #14 |
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Re: !@!जय भोजपुरी!@!
लड़का: हे बबुनी हमका देखात बी घाटा॥
नाहक करा हमसे शादी कय वादा॥ खुश खुस खात बाटी करली पढाई॥ मनवा कय सुन्दरता जाय न छिपाई॥ गटई म काहे बांधी तुर्क माटा॥ हे बबुनी .................................... माई बाप आँस pochhay आवे जब रोवाई॥ चिंता कय आग काहे देहिया माँ लगाई॥ रहवे कुवारा तव न जाब सांटा॥ हे बबुनी...................... औबू जब घरवा तो खीच खांच होए॥ दुई साल म लरिका ४ ठौर रोये॥ जान गए जीवन कय घटिया tamaachaa॥ हे बबुनी...................... |
08-12-2010, 07:59 PM | #15 |
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Re: !@!जय भोजपुरी!@!
लड़की॥
हे बबुआ हमका देखात बी घाटा॥ नाहक करा हमसे शादी कय वादा॥ चिल-बिल चिरैया जैसे घरवा म चमकी॥ अंगना दुवारी चारो जून गम्की॥ हमके न दिखावा प्यार कय लिफाफा॥ हे बबुआ। घरवा के लोग ky अहि आँख पुतरी॥ पापा बले खाए जा नही hoboo सुतारी॥ हमें न दिखावा वनारस कय ढाबा॥ हे बबुआ॥ माई के ममता से रूपवा सलोनो॥ चारो जूनी माई उतारे रोज़ टोना॥ हमना पकड़बय चदरिया कय कोना॥ हे बबुआ... |
08-12-2010, 08:00 PM | #17 |
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Re: !@!जय भोजपुरी!@!
मुद्दत के बाद मुल्क में॥
फ़िर से बहार आयी॥ अद्भुत नजारा देख कर॥ पगली भी मुस्कुराई॥ खौफ बसा यहाँ था॥ खूखार लोग आते थे॥ हया दया न करते॥ आतंक बहुत फैलाते थे॥ चादर के अन्दर लोग यहाँ॥ तेरे थे जमुहाई॥ कुत्ते भी मूक बन कर॥ कोने में रोते थे॥ बच्चे बिचारे सहम कर॥ छुप करके के सोते थे॥ उनके दिलो में हमने॥ देखा केवल ठिठाई॥ |
08-12-2010, 08:00 PM | #18 |
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Re: !@!जय भोजपुरी!@!
पापी बना है पेट जो॥
दर-दर भटक रहा हूँ॥ छोटी से लेके झोली॥ घर-घर टहल रहा हूँ। बच्चे है छोटे -छोटे॥ घर में गरीबी चाई॥ लगता है मेरे घर में॥ मौसमी बिमारी आयी॥ जिंदगी में जान कम है॥ फ़िर भी उछल रहा हूँ॥ छोटी से लेके झोली॥ घर-घर टहल रहा हूँ। रोते बिलखते बच्चे तो॥ आँखे टपक जाती॥ पत्नी की नाजुक हालत॥ रह-रह के हमें रूलाती॥ जिंदगी के ले सवारी॥ सड़को में मटक रहा हूँ॥ छोटी से लेके झोली॥ घर-घर टहल रहा हूँ। |
08-12-2010, 08:00 PM | #19 |
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Re: !@!जय भोजपुरी!@!
सुबह -सुबह बगिया मा॥
चुगत रहली फूल॥ हंस के माली बोल पडा॥ हमारा का कसूर॥ जब जवानी के पल्लू॥ पे दाग लाग जायी। अधरा से तोहरे ॥ गिरेला ला मिठाई॥ सोयी जवानी के॥ आस जाग जायी॥ जियरा मा काहे ॥ जगौलू सुरूर॥ लागल जवानी मा ॥ आग लाग जायी.. |
08-12-2010, 08:01 PM | #20 |
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Re: !@!जय भोजपुरी!@!
काहे हमसे प्रितिया कयखेल खेलू॥
नइखे दिलवा कय हमारे तू तार छेड़ू॥ अंखिया बदरा कय पनिया गिरवी लगी॥ हमके तोहरी सुरातिया सतावे लागी॥ तोहरे खातिर बिपतिया कय मार झेलू॥ मनवा उदास भैले नींद नही आवय॥ सूनसान जियरा का कुछ नाही भावय॥ काहे हमके तू अपने से दूर ठेलू॥ काहे हमसे प्रितिया कयखेल खेलू॥ |
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