26-01-2013, 04:51 PM | #1 |
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ग़ज़लें, नज्में और गीत
प्रस्तुत सूत्र में अंतरजाल और पत्र-पत्रिकाओं से प्राप्त कुछ ग़ज़लें, नज्मे अथवा गीत प्रसुत करने का प्रयास कर रहा हूँ।
उर्दू भाषा के शब्द प्रयोग में कहीं कहीं भूल-चूक हो सकती है। उसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूँ।
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
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