28-06-2012, 10:29 PM | #1 |
Diligent Member
|
ऊपर वाले मैं तुमको क्या बोलू ,
देखा जलवा तेरी खुदाई का ! कोई रहा गुलो गुलजार ता उम्र, कोई झेले सालों साल गम जुदाई का ! लाश को किसी की कफ़न न मिला , किसी की याद में ताज महल बन जाते है ! किसी की मौत पे दो आंसू न मिले , तो किसी रोने पे गजल बन जाते है ! ता उम्र भटकता रहा सफ़र में कोई , किसी का पहला कदम मंजिल बन जाता है ! कोई ता उम्र करके वफ़ा रहा बेवफा , तो कोई बेवफा ता उम्र करके दगा संग दिल कहलाता है ! sombirnaamdev@gmail.com mob no .9321083377 |
Bookmarks |
|
|