19-03-2013, 09:33 PM | #1 |
Diligent Member
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थोडा चला करो जरा संभल के यारो
थोडा चला करो जरा संभल के यारो
लोग लेके हथियार बैठे है जो बगल यारो छुरा छुपा के बैठे आस्तीन में ये तो हाथों में ले के बैठे हैं जो के कमल यारो ! इनकी to फितरत में बस इतना ही है बेच दो गर बिक जाये जो ये वतन यारो ! भूखे से ये छीने लें रोटी बन के भेडिये छीन लें मुर्दों के सीने से ये तो कफ़न यारो ! पर नारी के अधीन हुआ जा रहा है ये मुल्क '''नामदेव '''कहाँ गयी देशभक्तों की वो फसल यारो सोमबीर ''' नामदेव ''' |
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