My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Hindi Literature
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 02-06-2013, 11:38 PM   #1
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default हमारे देश की क्लासिक प्रेम कथायें

हमारे देश की क्लासिक प्रेम कथायें

प्राचीन भारतीय साहित्य से लेकर आधुनिक साहित्य में बहुत सी प्रेम-कथाएँ दर्ज हैं जो शाश्वत रूप से जीवित है. जन मानस में कुछ प्रेम-कथायें इस प्रकार व्याप्त या समाई हुयी हैं कि वे हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग बन गयी हैं. इनमे से बहुत सी प्रेम-कथायें भारत अथवा उसके किसी क्षेत्र विशेष के इतिहास के साथ जोड़ कर रची गयी हैं और कुछ का सम्बन्ध हमारी धार्मिक मान्यताओं अथवा सूफ़ी विचारधारा से है. कुछ भी कहा जाये, इन प्रेम-कथाओं का जादू शताब्दियों से हमारे देश में छाया हुआ है और इनके विभिन्न रूपों को हमने जीवन में इस प्रकार अपना लिया है कि बार बार इनका गायन, मंचन, प्रदर्शन, अलग अलग क्षेत्र की लोक-शैलियों में इनका रूपांतरण देख कर भी हमें ऊब नहीं होती. ऐसी ही कुछ कथाओं को संक्षेप में आपके समक्ष रख रहे है.
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 02-06-2013, 11:39 PM   #2
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: हमारे देश की क्लासिक प्रेम कथायें

शकुंतला-दुष्यंत

महाभारत काल में उपजी यह प्रेम कथा बेहद मार्मिक है। महाकवि कालिदास की अमर रचना अभिज्ञान शाकुंतलम में इसका उल्लेख किया गया है। पुरु साम्राज्य के राजा दुष्यंत आखेट के लिए गए थे, तभी उन्होंने अपूर्व सुंदरी शकुंतला को देखा और उनके प्रति आकर्षित हो गए। दोनों ने गंधर्व विवाह किया, अपने महल को लौटते हुए दुष्यंत ने शकुंतला को एक अंगूठी निशानी के बतौर दी। एक बार जब शकुंतला अपने प्रेमी के खयालों में खोई हुई थीं, ऋषि दुर्वासा उनकी कुटिया पर आए। खुद में डूबी शकुंतला को ऋषि के आने की आहट न मिल सकी। इसे अपना अपमान समझ क्रोधित दुर्वासा ने उन्हें शाप दिया- जिसके खयालों में तुम इतनी खोई हो, वह तुम्हें भूल जाएगा..। बाद में ऋषि से माफी मांगते हुए शकुंतला बहुत रोई, तब उन्होंने कहा, जब तुम प्रेमी की दी गई निशानी उसे दिखाओगी, वह तुम्हें पहचान लेगा। शकुंतला गर्भवती थीं, लेकिन राजा दुष्यंत की कोई सूचना न थी। शकुंतला को उनके पिता ने शाही दरबार में भेजा, ताकि वह दुष्यंत से मिल सकें लेकिन रास्ते में एक नदी में दुष्यंत द्वारा दी गई अंगूठी कहीं गिर गई। ऋषि के शाप के प्रभाव में दुष्यंत ने शकुंतला को न पहचाना। शकुंतला ने अंगूठी दिखानी चाही, किंतु वह तो पहले ही नदी में गिर चुकी थी। अंगूठी को एक मछली ने निगल लिया था। बाद में एक मछुआरे ने मछली के पेट से वह अंगूठी निकाली और वह उसे लेकर दरबार में गया और राजा को अंगूठी दिखाई। अंगूठी देखकर दुष्यंत को भुली सारी दास्तान याद आ गई। इस तरह यह प्रेम कहानी पूर्णता तक पहुंची। उनके पुत्र का नाम भरत पडा। कहा जाता है कि भारतवर्ष का नाम उसके नाम पर ही रखा गया।

(कालिदास द्वारा रचित अमर संस्कृत नाट्य-कृति 'अभिज्ञान शाकुंतलम' ने उक्त कथा को सारे संसार में लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया है)

Last edited by rajnish manga; 02-06-2013 at 11:45 PM.
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 02-06-2013, 11:48 PM   #3
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: हमारे देश की क्लासिक प्रेम कथायें

सावित्री-सत्यवान

अप्रतिम सौंदर्य की धनी सावित्री राजघराने की थीं, उनके सौंदर्य के चर्चे दूर-दूर तक विख्यात थे। उन्होंने अपने पिता के समक्ष खुद वर ढूंढने की इच्छा रखी। उनके पिता ने सावित्री की िजद के कारण उन्हें देशाटन कर अपना वर खोजने की इजाजत दी। एक दिन किसी घने जंगल में उनकी भेंट साम्राज्य खो चुके एक वृद्ध और अंधे राजा से हुई। एक छोटी-सी कुटिया में राजा-रानी और उनका युवा पुत्र जीवन व्यतीत कर रहे थे। राजकुमार लकडी काटकर उसे हाट में बेचता और माता-पिता के लिए भोजन जुटाता। सावित्री को ऐसे ही वर की तलाश थी, लेकिन उनके पिता गरीब राजकुमार से बेटी की शादी के पक्ष में तैयार न हुए। राजा को पता चला कि राजकुमार की आयु मात्र एक वर्ष और है, इस पर भी जब सावित्री, सत्यवान से विवाह के फैसले पर अडी रहीं तो अंतत: भारी मन से राजा ने हामी भर दी। विवाह के बाद सावित्री पति की कुटिया में रहने लगीं। वर्ष के अंतिम दिन सावित्री जल्दी उठीं, सत्यवान से साथ जंगल जाने की प्रार्थना की। दोपहर के समय सत्यवान को कुछ थकान महसूस हुई तो वह सावित्री की गोद में सिर रखकर अचेतावस्था में चले गए। सावित्री कुछ समझतीं, इससे पूर्व ही यमराज प्रकट हुए और सावित्री से सत्यवान को ले जाने की बात कही। सावित्री ने यमराज से विनती की कि वह उन्हें भी पति के साथ मृत्यु वरण करने दें। यमराज इसके लिए तैयार न हुए। सावित्री की िजद पर उन्होंने सत्यवान के जीवन के अलावा कोई दूसरा वरदान मांगने को कहा। सावित्री ने पुत्रवती होने का आशीर्वाद मांगा। यमराज ने वरदान दिया और चलने को हुए, तभी सावित्री ने कहा, जब आप मेरे पति को ही साथ ले जा रहे हैं तो मैं पुत्रवती कैसे हो सकती हूं। अंत में यमराज ने सत्यवान के प्राण लौटा दिए और अटल निश्चय वाली सावित्री के प्रेम की जीत हुई, उन्होंने पति का जीवन वापस पा लिया।
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 02-06-2013, 11:50 PM   #4
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: हमारे देश की क्लासिक प्रेम कथायें

रानी रूपमती-बाज बहादुर

मालवा की गायिका थीं रूपमती, सुल्तान बाज बहादुर उनसे प्रेम करते थे। यह अंतर्धार्मिक विवाह था। युद्ध, प्रेम, संगीत और कविता का अद्भुत सम्मिश्रण है यह जादुई प्रेम कहानी। बाज बहादुर मांडु के अंतिम स्वतंत्र शासक थे। रूपमती किसान पुत्री और गायिका थीं। उनकी आवाज के मुरीद बाज बहादुर उन्हें दरबार में ले गए। दोनों परिणय सूत्र में बंध गए, लेकिन यह प्रेम कहानी जल्दी ही खत्म हो गई, जब मुगल सम्राट अकबर ने मांडु पर चढाई करने के लिए अधम खान को भेजा। बाज बहादुर ने अपनी छोटी-सी सेना के साथ उसका मुकाबला किया किंतु हार गए। अधम खान रानी रूपमती के सौंदर्य पर मर-मिटा, इससे पूर्व कि वह मांडु के साथ रूपमती को भी अपने कब्जे में लेता, रानी रूपमती ने विष सेवन करके मौत को गले लगा लिया।
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 02-06-2013, 11:51 PM   #5
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: हमारे देश की क्लासिक प्रेम कथायें

हीर-रांझा

पंजाब की धरती पर कई प्रेम कथाओं का जन्म हुआ, जिनमें वारिस शाह रचित हीर को साहित्यिक जगत के लोग बखूबी जानते हैं। अमीर परिवार की खूबसूरत हीर ने प्रेम किया रांझा से। रांझा अपने चार भाइयों में सबसे छोटा था, भाइयों से विवाद के बाद वह घर छोडकर भाग गया और हीर के गांव तक आ पहुंचा। हीर के घर में वह पशुओं की रखवाली करने लगा। दोनों के बीच प्रेम हुआ और कई वर्षो तक दोनों मिलते रहे, लेकिन हीर के ईष्र्यालु चाचा कैदो और माता-पिता के कारण दोनों का विवाह नहीं हो सका, हीर का विवाह अन्यत्र कर दिया गया। रांझा जोगी हो गया और अलख निरंजन कहकर गांव-गांव फिरने लगा। जोगी रूप में एक बार फिर वह हीर से मिला। दोनों भाग गए लेकिन उन्हें पकड लिया गया। लेकिन उसी रात पूरे शहर में आग लग गई। घबराए हुए महाराजा ने प्रेमियों को आजाद कर दिया और उन्हें विवाह की इजाजत दे दी। दोनों हीर के गांव वापस आए, इस बार माता-पिता उनके विवाह पर राजी हो गए। विवाह के दिन हीर के ईष्र्यालु चाचा कैदो ने हीर को विष खिला दिया, रांझा ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की किंतु हीर न बच सकी। हीर के दुख में व्यथित रांझा की भी बाद में मौत हो गई। एक दारुण प्रेम कहानी खत्म हो गई।
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 02-06-2013, 11:52 PM   #6
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: हमारे देश की क्लासिक प्रेम कथायें

सोहणी-महिवाल

पंजाब की ही धरती पर उगी एक अन्य प्रेम कथा है सोहनी-महिवाल की। सिंधु नदी के तट पर रहने वाले कुम्हार तुला की बेटी थी सोहनी। वह कुम्हार द्वारा बनाए गए बर्तनों पर सुंदर चित्रकारी करती थी। उजबेकिस्तान स्थित बुखारा का धनी व्यापारी इज्जत बेग व्यापार के सिलसिले में भारत आया, सोहनी से मिलने पर वह उसके सौंदर्य पर आसक्त हो उठा। सोहनी को देखने के लिए वह रोज सोने की मुहरें जेब में भरकर कुम्हार के पास आता और बर्तन खरीदता। सोहनी भी उसकी तरफ आकर्षित हो गई। वह सोहनी के पिता के घर में नौकरी करने लगा, उसका नाम महिवाल पड गया, क्योंकि वह भैंसें चराने लगा। जब उनके प्रेम के किस्से आसपास फैले तो तुला ने सोहनी को बिना बताए उसकी शादी किसी कुम्हार से कर दी। महिवाल अपना घर, देश भूलकर फकीर हो गया। मगर दोनों प्रेमियों ने मिलना न छोडा। रोज जब रात में सारी दुनिया सोती, सोहनी नदी के उस पार महिवाल का इंतजार करती, जो तैरकर उसके पास आता। महिवाल बीमार हुआ तो सोहनी एक पक्के घडे की मदद से तैरकर उससे मिलने पहुंचने लगी। उसकी ननद ने एक बार उन्हें देख लिया तो उसनेपक्के घडे की जगह कच्चा घडा रख दिया। सोहनी घडे द्वारा नदी पार करने लगी तो डूब गई। महिवाल उसे बचाने के लिए नदी में कूदा, वह भी डूब गया। इस तरह यह दुख भरी प्रेम कहानी खत्म हो गई।
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 02-06-2013, 11:53 PM   #7
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: हमारे देश की क्लासिक प्रेम कथायें

ढोला-मारु

राजपूत प्रेम की गाथा है ढोला-मारु। पूगल का शासक था पिंगल। उसने अपनी नन्ही पुत्री मारु का बाल विवाह नरवार के राजा नल के पुत्र ढोला से कर दिया। बडे होने पर उसे विदा किया जाना था। ढोला बडा होने लगा लेकिन तभी नल की मौत हो गई और ढोला विवाह की बात भूल गया। उसका विवाह मलवानी से हो गया। मारु ने कई बार अपने दूतों को ढोला के पास संदेश के साथ भेजा, लेकिन हर बार उसकी पत्नी ने उन्हें बीच ही रोक दिया। अंत में मारु ने कुछ लोक गायकों को ढोला के पास भेजा, जिन्होंने ढोला को विवाह की बात याद दिलाई। ढोला मारु से मिलने की चेष्टा करने लगा लेकिन उसकी ईष्र्यालु पत्नी ने उससे कहा कि मारु मर चुकी है। ढोला नहीं रुका, चलता गया। रास्ते में ही डकैतों के गिरोह से टकराया और गिरोह के सरदार ने उससे कहा कि मारु का अन्यत्र विवाह हो चुका है। यह डकैत भी मारु से एकतरफा प्रेम करता था। ढोला मारु से मिलने के अपने निश्चय पर अडिग था। अंतत: वह मारु से मिलने पहुंच गया। लेकिन कष्टों का अंत अभी न हुआ था। लौटते हुए रेगिस्तान के सांप ने मारु को डस लिया और वह गहन मूर्छावस्था में चली गई। राजपूत इतिहास में पहली बार ढोला ने पत्नी की चिता के साथ खुद सती होना चाहा। इसी बीच एक योगी-योगिनी ने कहा कि वह मारु को जीवित कर सकते हैं। उन्होंने मारु को पुन: जीवनदान दिया। दोनों फिर महल को लौटने लगे, तभी डकैतों का सरदार उन्हें मारने आ गया, लेकिन लोक गायकों ने उन्हें बचा लिया। अंतत: वे अपने महल लौट सके, अनेक दुखों के बाद एक सुखांत प्रेम कहानी बन सकी।
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 02-06-2013, 11:58 PM   #8
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: हमारे देश की क्लासिक प्रेम कथायें

उपरोक्त कथाओं के अतिरिक्त कुछ अन्य कथायें भी हमारे जन जीवन का अंग बन गयी हैं हालांकि इन कथाओं की उत्पत्ति हमारे देश से इतर स्थानो में हुई और कुछ कथाओं ऐतिहासिकता भी प्रामाणिक नहीं है. इन्हीं कथाओं में से कुछ निम्न प्रकार से हैं:

शीरीं-फरहाद

फारस की पृष्ठभूमि में जन्मी इस कहानी का पात्र फरहाद एक शिल्पकार था, जो राजकुमारी शीरीं से बेइंतहा मुहब्बत करता था, लेकिन राजकुमारी इस प्रेम से अनभिज्ञ थी। निराश फरहाद पहाडों में जाकर रहने लगा और बांसुरी पर राजकुमारी की प्रशंसा में धुनें बजाने लगा। जब यह बात शीरीं को मालूम हुई तो वह फरहाद से मिली और उसके प्रेम में गिरफ्त हो गई। शीरीं के पिता और राजा नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी एक आम आदमी से शादी करे। आखिर उन्होंने अपनी बेटी के सामने शर्त रखी कि यदि फरहाद पहाडों के बीच चट्टानों में नहर खोद दे तो वह शीरीं का विवाह उससे कर देंगे। यह बेहद मुश्किल कार्य था, लेकिन फरहाद ने नहर खोदनी शुरू की। उसकी अथक मेहनत देखकर राजा को लगा कि कहीं फरहाद अपना लक्ष्य प्राप्त न कर ले। नहर पूरी होने को थी, घबराए हुए राजा ने अपने दरबारियों से बेटी के विवाह की खातिर मशविरा करना चाहा। उनके वजीर ने सलाह दी कि किसी बूढी स्त्री को फरहाद के पास भेजें और यह संदेश दें कि राजकुमारी की मौत हो चुकी है। तब एक बूढी स्त्री फरहाद के पास पहुंची और जोर-जोर से रोने लगी। फरहाद ने उससे रोने का कारण पूछा तो बुढिया ने कहा, तुम जिसके लिए अपने शरीर को खटा रहे हो-वह तो मर चुकी है। यह सुनकर फरहाद को सदमा पहुंचा और उसने अपने औजारों से खुद को मार लिया, नहर बन चुकी थी, मगर पानी की जगह उसमें फरहाद का लहू बह रहा था। फरहाद की मौत की खबर सुनकर शीरीं ने भी खुद को खत्म कर लिया। इस तरह एक और प्रेम कहानी असमय मौत की गोद में सो गई।
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 03-06-2013, 12:00 AM   #9
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: हमारे देश की क्लासिक प्रेम कथायें

लैला-मजनूं

अरबी संस्कृति में दुखांत प्रेम कहानियों की पूरी श्रृंखला है, जिनमें कैस-लुबना, मारवा-अल मजनूं अल फरांसी, अंतरा-अबला, कुथैर-अजा, लैला-मजनूं की कहानियां प्रमुख हैं। लैला-मजनूं की प्रेम कहानी नई नहीं है। अरब के बानी आमिर जनजाति का था यह कवि यानी मजनूं। लैला भी इसी जाति से आती थीं। लैला के पिता के विरोध के कारण इनका विवाह नहीं हो सका और लैला किसी और की पत्नी हो गई। मजनूं पागल हो गए, इसी पागलपन में उन्होंने कई कविताएं रचीं। लैला पति के साथ ईराक चली गई, जहां कुछ ही समय बाद बीमार होकर उनकी मृत्यु हो गई। मजनूं भी कुछ समय बाद मौत की गोद में चले गए। अरब और हबीब लोकसाहित्य से लेकर फारसी साहित्य तक यह प्रेम कथा कई रूपों में सामने आई। आम लोग इसे निजामी के पर्सियन संस्करण से ही जानते हैं। कहा जाता है कि रोमियो-जूलियट की कहानी लैला-मजनूं का ही लैटिन संस्करण है।
सलीम-अनारकली

मुगल सम्राट अकबर के चहेते और बाबा फरीद के आशीर्वाद से जन्मे बेटे सलीम ने अनारकली से प्रेम किया। अनारकली एक मूर्तिकार की बेटी थी और बेहद सुंदर थी। अकबर इस प्रेम के खिलाफ थे। अनारकली के प्रेम में पागल शाहजादा सलीम ने अपने पिता के खिलाफ बगावत तक कर दी। कहा जाता है कि दरियादिल माने जाने वाले मुगल सम्राट ने अनारकली को जिंदा दीवार में चिनवा दिया। मुगले-आजम जैसी फिल्म ने इस प्रेम कथा को अमर कर दिया।
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 03-06-2013, 01:56 PM   #10
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: हमारे देश की क्लासिक प्रेम कथायें

उर्वशी और पुरुरवा
(कालीदास कृत ‘विक्रमोर्वशीयम’ नाटक के आधार पर श्री विष्णु प्रभाकर का कथा सार)

एक बार देवलोक की परम सुंदरी अप्सरा उर्वशी अपनी सखियों के साथ कुबेर के भवन से लौट रही थी। मार्ग में केशी दैत्य ने उन्हें देख लिया और तब उसे उसकी सखी चित्रलेखा सहित वह बीच रास्ते से ही पकड़ कर ले गया।

यह देखकर दूसरी अप्सराएँ सहायता के लिए पुकारने लगीं, "आर्यों! जो कोई भी देवताओं का मित्र हो और आकाश में आ-जा सके, वह आकर हमारी रक्षा करें।" उसी समय प्रतिष्ठान देश के राजा पुरुरवा भगवान सूर्य की उपासना करके उधर से लौट रहे थे। उन्होंने यह करूण पुकार सुनी तो तुरंत अप्सराओं के पास जा पहुँचे। उन्हें ढाढ़स बँधाया और जिस ओर वह दुष्ट दैत्य उर्वशी को ले गया था, उसी ओर अपना रथ हाँकने की आज्ञा दी।

अप्सराएँ जानती थीं कि पुरुरवा चंद्रवंश के प्रतापी राजा है और जब-जब देवताओं की विजय के लिए युद्ध करना होता है तब-तब इंद्र इन्हीं को, बड़े आदर के साथ बुलाकर अपना सेनापति बनाते हैं।

इस बात से उन्हें बड़ा संतोष हुआ और वे उत्सुकता से उनके लौटने की राह देखने लगी। उधर राजा पुरुरवा ने बहुत शीघ्र ही राक्षसों को मार भगाया और उर्वशी को लेकर वह अप्सराओं की ओर लौट चले।
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 06:09 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.