07-08-2013, 05:03 PM | #1 |
Diligent Member
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रोग
. . . . ये रोग जबसे मेरे जीवन मेँ आया है लगता है ज़हर किसी चन्दन मेँ आया है मेरा जीवन तो... सादा स्वच्छ गतिशील फिर भी... ये रोग जैसे जंग कुन्दन मेँ आया है या पतझड़ सावन मेँ आया है - आकाश महेशपुरी |
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